जियें तो जियें कैसे... मोहाली में लोग सिर्फ इतनी सी लाइन को अगर दिन-रत गाएं तो इसमें कोई हर्ज नहीं और हैरान करने वाली बात नहीं| ऐसा करना उनकी मजबूरी…